The Author बैरागी दिलीप दास फॉलो Current Read चुड़ैल के साथ! एक रात? - अध्याय 1 By बैरागी दिलीप दास हिंदी डरावनी कहानी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books तमस ज्योति - 51 प्रकरण - ५१मेरे मम्मी पापा अब हमारे साथ अहमदाबाद में रहने आ... Lash ki Surat रात के करीब 12 बजे होंगे उस रात ठण्ड भी अपने चरम पर थी स्ट्र... साथिया - 118 अक्षत घर आया और तो देखा हॉल में ही साधना और अरविंद बैठे हु... तीन दोस्त ( ट्रेलर) आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं हम एक नया उपन्यास जिसका... फाइल फाइल "भोला ओ भोला", पता नहीं ये भोला कहाँ मर गया। भोला...... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास बैरागी दिलीप दास द्वारा हिंदी डरावनी कहानी कुल प्रकरण : 3 शेयर करे चुड़ैल के साथ! एक रात? - अध्याय 1 (2) 4.7k 9.8k प्रमुख पात्र: वीर और चुड़ैल।प्रस्तावना: वीर का अनोखा अनुभववीर की रोचक व्यक्तित्व का परिचयचुड़ैल की विशेषताओं का वर्णनबरसात की रात थी। आकाश में बादल घिर आए और बूंदें धरती पर गिरने लगी। गहरे धुंधले रंग के बादल घने जंगल की तरफ उफान पर हावी हो गए। इस अंधकार में, जंगल के बीच एक एकांत स्थान पर एक वीर नामक युवक खड़ा था।वीर एक अजीब सा युवक था। उसका व्यक्तित्व अनोखा और रहस्यमय था। उसकी आँखों में तेज़ी और उनमें कुछ अलग सा था, जो किसी को आकर्षित कर लेता। वीर के बाल काले थे और उनकी गहरी लंबाई उसके चेहरे को आकर्षक बनाती थी। वीर के व्यक्तित्व में गहराई थी, जैसे कि उसके अंदर कुछ नजर नहीं आता, कुछ अनुभव जो सामान्य मानवों को अनजान थे।यह वीर के लिए एक रोचक रात थी। जब वह जंगल में घूम रहा था, उसने कुछ अद्भुत देखा। रात की गहराई में, उसने एक महिला को देखा जो जंगल के किनारे एक पेड़ के नीचे बैठी थी। उसके पास देखने के लिए वीर उसकी ओर जा पहुंचा और उसने देखा कि एक चुड़ैल है!वीर का हृदय जोर-जोर से धड़क गया। चुड़ैल उसके सामने बैठी थी, अपनी आँखों से उसे गहरी दृष्टि से देख रही थी। उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी, जो वीर को आकर्षित करती थी, लेकिन उसे डर भी था। इससे पहले कि वीर कुछ कह पाए, चुड़ैल बोली, "तुम मेरे पास बढ़ सकते हो, या मुझे डरा रहे हो?"वीर चकित रह गया। उसने सोचा था कि चुड़ैलें केवल कहानियों में होती हैं, लेकिन यहां उसके सामने एक खुद चुड़ैल थी, जो उसे खुद की अपनी आंखों की शक्ति से दिख रही थी।चुड़ैल को वीर को देखते ही हंसी आई और बोली, "मैं जानती हूँ कि तुम मुझसे डर रहे हो। लेकिन क्या तुम्हें पता है कि मैं तुम्हारे लिए कितनी खतरनाक हो सकती हूँ?"वीर के मन में सवाल उठ रहे थे। उसने यह सोचा कि यह मौका सिर्फ एक बार ही मिलेगा। वह चुड़ैल के पास बढ़ा और बोला, "मुझे तुम्हारी विशेषताओं के बारे में बताओ। तुम कौन हो?"चुड़ैल ने हंसते हुए उत्तर दिया, "मैं एक चुड़ैल हूँ। मेरी शक्तियों में काला जादू, वशीकरण, और अनदेखी अनगिनत काली शक्तियां शामिल है। मैं मर्दों को वश में करती हूँ और उन्हें अपनी मर्ज़ी के अनुसार चलाती हूँ।"वीर ने चुड़ैल की बातें सुनी और आश्चर्यचकित हो गया। उसने सोचा था कि चुड़ैलें केवल बुरी कहानियों में होती हैं, लेकिन यह चुड़ैल एक अद्भुत शक्तिशाली महिला थी, जो उसे इस अविश्वसनीय और अकल्पनीय घटना को सच और सिर्फ सच अनुभव करने के लिए मजबूर कर रही थी।चुड़ैल अपने होंठों पर एक सुंदर मुस्कान लाई और बोली, "तुम्हें मेरी साथ एक रात बितानी होगी। यदि तुम मेरे साथ सहमत हो, तो मैं तुम्हें कुछ ऐसा सिखा सकती हूँ जो तुम्हारे जीवन को बदल सकता है।"वीर ने सोचा, इससे अच्छा मौका कहां मिलेगा? यह एक रहस्यमयी और चुनौतीपूर्ण सफ़र हो सकता है जो उसके जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है। वह चुड़ैल को देखते हुए बोला, "मैं सहमत हूँ। मुझे यह जानने का इच्छा है कि चुड़ैलों की दुनिया में क्या होता है और क्या-क्या संभव है।"चुड़ैल की आँखों में आग जल उठी। वह बोली, "तो तैयार रहो, वीर। तुम्हारा जीवन अब बदलने वाला है। तुम चुड़ैल की दुनिया में डूबने जा रहे हो।"वीर ने प्रस्ताव को स्वीकार किया और उसके पीछे चलने लगा वीर ने चुढ़ैल के पीछे बडते हुए यह सोचा कि क्या अगली रात उसे पश्चिमी गांव में ले जाने वाली हैं। क्या यह सच है या सपना क्या सचमुच इस रहस्यमय चुड़ैल के साथ उसकी जिंदगी का सफ़र शुरू हो गया है या होना ही वाला है। › अगला प्रकरण चुड़ैल के साथ! एक रात? - अध्याय 2 Download Our App