Chudail ke sath! EK raat? - 1 books and stories free download online pdf in Hindi चुड़ैल के साथ! एक रात? - अध्याय 1 (1) 3.7k 8k प्रमुख पात्र: वीर और चुड़ैल।प्रस्तावना: वीर का अनोखा अनुभववीर की रोचक व्यक्तित्व का परिचयचुड़ैल की विशेषताओं का वर्णनबरसात की रात थी। आकाश में बादल घिर आए और बूंदें धरती पर गिरने लगी। गहरे धुंधले रंग के बादल घने जंगल की तरफ उफान पर हावी हो गए। इस अंधकार में, जंगल के बीच एक एकांत स्थान पर एक वीर नामक युवक खड़ा था।वीर एक अजीब सा युवक था। उसका व्यक्तित्व अनोखा और रहस्यमय था। उसकी आँखों में तेज़ी और उनमें कुछ अलग सा था, जो किसी को आकर्षित कर लेता। वीर के बाल काले थे और उनकी गहरी लंबाई उसके चेहरे को आकर्षक बनाती थी। वीर के व्यक्तित्व में गहराई थी, जैसे कि उसके अंदर कुछ नजर नहीं आता, कुछ अनुभव जो सामान्य मानवों को अनजान थे।यह वीर के लिए एक रोचक रात थी। जब वह जंगल में घूम रहा था, उसने कुछ अद्भुत देखा। रात की गहराई में, उसने एक महिला को देखा जो जंगल के किनारे एक पेड़ के नीचे बैठी थी। उसके पास देखने के लिए वीर उसकी ओर जा पहुंचा और उसने देखा कि एक चुड़ैल है!वीर का हृदय जोर-जोर से धड़क गया। चुड़ैल उसके सामने बैठी थी, अपनी आँखों से उसे गहरी दृष्टि से देख रही थी। उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी, जो वीर को आकर्षित करती थी, लेकिन उसे डर भी था। इससे पहले कि वीर कुछ कह पाए, चुड़ैल बोली, "तुम मेरे पास बढ़ सकते हो, या मुझे डरा रहे हो?"वीर चकित रह गया। उसने सोचा था कि चुड़ैलें केवल कहानियों में होती हैं, लेकिन यहां उसके सामने एक खुद चुड़ैल थी, जो उसे खुद की अपनी आंखों की शक्ति से दिख रही थी।चुड़ैल को वीर को देखते ही हंसी आई और बोली, "मैं जानती हूँ कि तुम मुझसे डर रहे हो। लेकिन क्या तुम्हें पता है कि मैं तुम्हारे लिए कितनी खतरनाक हो सकती हूँ?"वीर के मन में सवाल उठ रहे थे। उसने यह सोचा कि यह मौका सिर्फ एक बार ही मिलेगा। वह चुड़ैल के पास बढ़ा और बोला, "मुझे तुम्हारी विशेषताओं के बारे में बताओ। तुम कौन हो?"चुड़ैल ने हंसते हुए उत्तर दिया, "मैं एक चुड़ैल हूँ। मेरी शक्तियों में काला जादू, वशीकरण, और अनदेखी अनगिनत काली शक्तियां शामिल है। मैं मर्दों को वश में करती हूँ और उन्हें अपनी मर्ज़ी के अनुसार चलाती हूँ।"वीर ने चुड़ैल की बातें सुनी और आश्चर्यचकित हो गया। उसने सोचा था कि चुड़ैलें केवल बुरी कहानियों में होती हैं, लेकिन यह चुड़ैल एक अद्भुत शक्तिशाली महिला थी, जो उसे इस अविश्वसनीय और अकल्पनीय घटना को सच और सिर्फ सच अनुभव करने के लिए मजबूर कर रही थी।चुड़ैल अपने होंठों पर एक सुंदर मुस्कान लाई और बोली, "तुम्हें मेरी साथ एक रात बितानी होगी। यदि तुम मेरे साथ सहमत हो, तो मैं तुम्हें कुछ ऐसा सिखा सकती हूँ जो तुम्हारे जीवन को बदल सकता है।"वीर ने सोचा, इससे अच्छा मौका कहां मिलेगा? यह एक रहस्यमयी और चुनौतीपूर्ण सफ़र हो सकता है जो उसके जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है। वह चुड़ैल को देखते हुए बोला, "मैं सहमत हूँ। मुझे यह जानने का इच्छा है कि चुड़ैलों की दुनिया में क्या होता है और क्या-क्या संभव है।"चुड़ैल की आँखों में आग जल उठी। वह बोली, "तो तैयार रहो, वीर। तुम्हारा जीवन अब बदलने वाला है। तुम चुड़ैल की दुनिया में डूबने जा रहे हो।"वीर ने प्रस्ताव को स्वीकार किया और उसके पीछे चलने लगा वीर ने चुढ़ैल के पीछे बडते हुए यह सोचा कि क्या अगली रात उसे पश्चिमी गांव में ले जाने वाली हैं। क्या यह सच है या सपना क्या सचमुच इस रहस्यमय चुड़ैल के साथ उसकी जिंदगी का सफ़र शुरू हो गया है या होना ही वाला है। › अगला प्रकरणचुड़ैल के साथ! एक रात? - अध्याय 2 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम बैरागी दिलीप दास फॉलो उपन्यास बैरागी दिलीप दास द्वारा हिंदी डरावनी कहानी कुल प्रकरण : 3 शेयर करे आपको पसंद आएंगी चुड़ैल के साथ! एक रात? - अध्याय 2 द्वारा बैरागी दिलीप दास चुड़ैल के साथ! एक रात? - अध्याय 3 द्वारा बैरागी दिलीप दास NEW REALESED Fiction Stories प्यार हुआ चुपके से - भाग 21 Kavita Verma Love Stories नजायज रिश्ते - भाग 6 Gurwinder sidhu Fiction Stories मैं तो ओढ चुनरिया - 55 Sneh Goswami Film Reviews हीरामंडी - द डायमंड मार्केट - फिल्म समीक्षा Neelam Kulshreshtha Moral Stories कंचन मृग - 42. काश, वह बालक होती Dr. Suryapal Singh Anything जिंदगी - एक एहसास दिनेश कुमार कीर Fiction Stories फागुन के मौसम - भाग 15 शिखा श्रीवास्तव Drama माफियाओं की दुनिया में इनोसेंट गर्ल -1 - राठौड़ ब्रदर्स Mickey The Writer Love Stories हीर... - 1 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार Fiction Stories शोहरत का घमंड - 83 shama parveen